Sunday, September 12, 2021

गीत- जय हो मानक हिन्दी -Staires by Stuti Rajeev

जय हो मानक हिन्दी

रचयित्री - स्तुति राजीव 


हमारी भाषा वह प्रसाद होती हैं, जिसके कारण हम सबसे सहज रूप से अपने विचारों का आदान-प्रदान कर पाते हैं। देव भाषा संस्कृत से जन्मी हिन्दी का महिमा गान निम्न पंक्तियों में किया गया है।
Hindi Bhasha pr Kavita

जय हो जय हो मानक हिन्दी,

भारतवर्ष की रौनक हिन्दी।

सहस्त्रों वर्ष पुरानी हिन्दी,

संस्कृत से शुरू कहानी हिन्दी॥


हिन्दुस्तान की श्वास  है हिन्दी,

जन-मन में जिसका वास वह हिन्दी।

जो रचा वही उच्चारे हिन्दी,

सबकी सुविधा विचारे हिन्दी॥


हिन्दी में कुछ मूक नहीं है,

जो बात कही दो टूक वही है।

सीमा बन्धन है तोड़ी हिन्दी,

वैश्विक चूनर है ओढ़ी हिन्दी॥


सर्वाधिक व्यवस्थित वर्णमाला हिन्दी,

आर्यावर्त की कण्ठमाला हिन्दी।

हर भाव व्यक्त करने के लिये जहाँ,

सैकड़ों शब्द विद्यमान वह हिन्दी॥

Hindi bhasha ki visheshta
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हर भाषा इसमें ऐसे समाती है,

जैसे समुद्र में नदियां आती हैं।

स्पष्ट जिसका उच्चारण वह हिन्दी,

सिर्फ भाषा नहीं आचरण है हिन्दी॥


भाषा है व्यवहारिक हिन्दी,

हमारे विचारों की अंशभारिक हिन्दी।

प्रयोग दृष्टि से समृद्ध है हिन्दी,

देवनागरी में लिपिबद्ध है हिन्दी॥


हम भी हिंदी तुम भी हिन्दी,

हर हिन्दी का अभिमान है हिन्दी

यहाँ जल और वायु भी हिन्दी,

है धरा और आसमान भी हिन्दी


बोलियों में तीर्थयात्रा हिन्दी,

वाक्य शब्द पाई-मात्रा हिन्दी

ध्वनी श्रेष्ठ ॐ है हिन्दी,

पर्याय और विलोम है हिन्दी॥ 


विशाल साहित्य का पर्व है हिन्दी,

जिस मुख विराजे उसका गर्व है हिन्दी

मीरा के भजन, तुलसीदास हैं हिन्दी,

रहीम और कबीरदास भी  हिन्दी


5 उपभाषा, 16 बोलियों में फैली हिन्दी,

सुगम, सरल और लचीली हिन्दी।

जय हो जय हो मानक हिन्दी,

भारतवर्ष की रौनक हिन्दी॥

यदि आपको कविता पसंद आई है, तो कृपया ब्लॉग का अनुसरण करना न भूलें और नीचे टिप्पणी में अपनी समीक्षा दें।

स्टेयर्स पर आने के लिए धन्यवाद  

-  स्तुति राजीव

1 comment:

  1. जय हिन्दी!
    जय जय हिन्दी!!
    हिन्दी मात्र भाषा नहीं है।
    हिन्दी मातृभाषा है।।

    ReplyDelete

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