Monday, October 25, 2021

कविता- सीख -Staires by Stuti Rajeev

                                               

सीख

रचयित्री - स्तुति राजीव 

श्री कृष्ण का जीवन दर्शन जितनी बार किया जाए, हर बार कुछ नया सिखाता है।
उनके जीवन से मिली कुछ प्रमुख सीख पढ़ें स्तुति राजीव की कविता में।

सीख

जिस सफलता के लिए भाग रहे, 

उसे पा, सिर्फ उस क्षण मुस्काओगे?

यह मनुष्य जीवन जो पाया! 

क्या उसे सिर्फ दौड़ में बताओगे? 


जीवन वह सफल क्षण नहीं,

जीवन सफलता की यात्रा है। 

इस यात्रा का आनंद लो, 

यहां जय पराजय दोनों की मात्रा है॥ 


उस बीती हार की यादों में, 

समय के तोड़े वादों में। 

क्या अपना आज भी खोना है? 

बीते के लिए आज क्यों रोना है?

 

जीवन में जो कुछ हो रहा, 

सबका अपना-अपना कारण है।

यहाँ सब कुछ नियति है, 

है समस्या तो निवारण है॥

 

अहंकार बुद्धि का नाश करे,

लोभ मुक्ति में बाधा है। 

जब तक क्रोध पर विश्वास करे, 

तब तक ज्ञान तुम्हारा आधा है॥

 

अहं, लोभ और क्रोध यह तीनों, 

विनाश द्वार सम हैं जीवन में। 

त्याग दो तुम शीघ्र इन्हें, 

हो बालक, वृद्ध या हो यौवन में॥

 

सुनो राही! जीवन की इस राह में, 

त्याग अनिवार्य संतोष की चाह में। 

धन, सुरक्षा, सुविधा की होड़ में, 

न भागो, सिखाया है रणछोड़ ने॥

 

किसी पद पर हो विराजमान, 

शिष्टाचार का सदा हो ध्यान।  

विजय-अहं न हो, शालीन रहो, 

हो भद्रा, सौम्य और कुलीन रहो॥

यदि आपको कविता पसंद आई है, तो कृपया ब्लॉग का अनुसरण करना न भूलें और नीचे टिप्पणी में अपनी समीक्षा दें।

स्टेयर्स पर आने के लिए धन्यवाद  

-  स्तुति राजीव

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