ज्योति पर्व कैसा हो?
रचयित्री - स्तुति राजीव
हमारे सबसे मुख्या त्योहारों में से एक, दीपोत्सव कैसा होना चाहिए ?
ज्योति पर्व कैसा हो?
सत्य का प्रकाश हो,
सद्कर्म पर विश्वास हो।
श्याम दिया ज्ञान हो,
आदर्श श्री राम हों।।
शूर्प का भी भान हो,
संग हर सीता का सम्मान हो।
हो ज्ञात नारी ही लक्ष्मी है,
संसार दीप तो वह रश्मि है।।
आञ्जनेय सी भक्ति हो,
शत्रुघ्न सी शक्ति हो।
वाल्मीकि का संवाद हो,
हों लखन भी, यदि मेघनाद हो।।
जब बात हो महाज्ञान की,
तब दशानन का भी मान हो।
संतोष की अनुभूति से,
तृप्त प्राण प्राण हो।।
हे ईश! जन जन के मन में,
ऐसी लौ का आकार हो।
दो आशीष कि कलयुग में भी,
त्रेता साक्षात् साकार हो।।
सद्कर्म पर विश्वास हो।
श्याम दिया ज्ञान हो,
आदर्श श्री राम हों।।
शूर्प का भी भान हो,
संग हर सीता का सम्मान हो।
हो ज्ञात नारी ही लक्ष्मी है,
संसार दीप तो वह रश्मि है।।
आञ्जनेय सी भक्ति हो,
शत्रुघ्न सी शक्ति हो।
वाल्मीकि का संवाद हो,
हों लखन भी, यदि मेघनाद हो।।
जब बात हो महाज्ञान की,
तब दशानन का भी मान हो।
संतोष की अनुभूति से,
तृप्त प्राण प्राण हो।।
हे ईश! जन जन के मन में,
ऐसी लौ का आकार हो।
दो आशीष कि कलयुग में भी,
त्रेता साक्षात् साकार हो।।
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It's very amazing.
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteशुभ दीपोत्सव
Bhadiya
ReplyDeletebadhiya
ReplyDeleteGreat words nicely poured into a poem!! Keep it up buddy <3
ReplyDelete🙏🙏🎉
DeleteBht bht bht pyara✌❤
ReplyDeleteNice 👍
ReplyDeleteWaah waah adhbhut..
ReplyDeleteWaah waah adhbhut
ReplyDelete����Great poem...nice����
ReplyDeleteAmazing 👍✌️
ReplyDeleteUmnda kavita,Keep it up👍
ReplyDeleteToo good yrr ����
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