Tuesday, November 2, 2021

कविता- ज्योति पर्व कैसा हो? -Staires by Stuti Rajeev

ज्योति पर्व कैसा हो?

रचयित्री - स्तुति राजीव 


Jyoti Parv Kaisa Ho? Kavita

हमारे सबसे मुख्या त्योहारों में से एक, दीपोत्सव कैसा होना चाहिए ? 

ज्योति पर्व कैसा हो?
सत्य का प्रकाश हो,
सद्कर्म पर विश्वास हो।
श्याम दिया ज्ञान हो,
आदर्श श्री राम हों।।

शूर्प का भी भान हो,
संग हर सीता का सम्मान हो।
हो ज्ञात नारी ही लक्ष्मी है,
संसार दीप तो वह रश्मि है।।

आञ्जनेय सी भक्ति हो,
शत्रुघ्न सी शक्ति हो।
वाल्मीकि का संवाद हो,
हों लखन भी, यदि मेघनाद हो।।

जब बात हो महाज्ञान की,
तब दशानन का भी मान हो।
संतोष की अनुभूति से,
तृप्त प्राण प्राण हो।।

हे ईश! जन जन के मन में,
ऐसी लौ का आकार हो।
दो आशीष कि कलयुग में भी,
त्रेता साक्षात् साकार हो।।

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-  स्तुति राजीव

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